राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के अंतर्गत सम्पूर्ण भारतीय स्तर पर शिक्षा के स्तर और गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए पाठ्यक्रम में समरसता लाने के लिए तथा क्रेडिट संरचना को संभव बनाने के उद्देश्य से हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के मॉड्यूल पाठ्यक्रम के अनुरूप बी.ए. हिन्दी का नया पाठ्यक्रम 2016-17 में तैयार किया है।
                                    मुख्य रूप से हिन्दी के प्रश्नपत्रों की सामग्री निर्धारण में ज्ञान तथा शिक्षा के बदलते परिदृश्य को ध्यान में रखा गया है। प्राचीन एवं शास्त्रीय विषयों के साथ-साथ वे विषय जो आधुनिक पीढ़ी के लिए उपयोगी एवं रोचक हैं, उनका भी समावेश पाठ्यक्रम में किया गया है। वैकल्पिक विषयों जैसे – लोक साहित्य, भारतीय साहित्य, पत्रकारिता एवं रचनात्मक लेखन से साहित्य के विद्यार्थियों में ज्ञान की वृद्धि, व्यक्तित्व निर्माण, और उपयोगिता को प्रमाणित करने का प्रयास किया गया है।
                                    साहित्य के विद्यार्थियों के सर्वांगीण एवं समुचित विकास को ध्यान में रखते हुए साहित्य की विविध शाखाओं का समावेश इस पाठ्यक्रम में किया गया है। साहित्यार्थी विद्यार्थियों के ज्ञान, अभिव्यक्ति तथा भाषायी क्षमता एवं दक्षता में वृद्धि भी इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य है।
                                
 
                                                    
                                                Core Course B.A./B.Com.
SKT/HINDI -I Credits : 06
HIND101
| विषय | सप्ताह | शिक्षण विधि | छात्र गतिविधियां | 
|---|---|---|---|
| पत्र लेखन, प्रारूपण, टिप्पण, प्रतिवेदन | पहला सप्ताह | व्याख्यान तथा परस्पर चर्चा | परीक्षा, प्रश्नोतरी, विषय प्रस्तुति तथा सत्रीय कार्य | 
| पत्राचार अर्थ एवं प्रकार, व्यावहारिक, व्यावसायिक एवं सरकारी पत्र लेखन | दूसरा सप्ताह | ||
| अनुवाद: परिभाषा, विशेषता एवं उपयोगिता | तीसरा सप्ताह | ||
| मुहावरे और लोकोक्तियां, अर्थ, परिभाषा एवं विभिन्न मुहावरे तथा लोकोक्तियां | चौथा सप्ताह | ||
| शब्द-शुद्धि, वाक्य शुद्धि और शब्द ज्ञान (तत्सम, तद्भव, देशज तथा विदेशी) | पाँचवां सप्ताह | ||
| पर्यायवाची एवं विलोम शब्द, अनेकार्थी, वाक्य या वाक्यांश के लिए एक शब्द अथवा अनेक शब्दों के लिए एक शब्द | छठा सप्ताह | ||
| देवनागरी लिपि अर्थ, नामकरण, विशेषताएं, वैज्ञानिकता, मानकीकरण एवं सुधार के उपाय | सातवां सप्ताह | ||
| कम्प्यूटर में हिन्दी प्रयोग: कम्प्यूटर की संरचना, वर्तनी संशोधन एवं इन्टरनैट कार्यप्रणाली | आठवां सप्ताह | ||
| पारिभाषिक शब्दावली | नौवां सप्ताह | ||
| कार्यालयी हिन्दी और अनुवाद: विशेषताएं, अनुवाद-प्रक्रिया, समस्याएं एवं कठिनाइयां | दसवां सप्ताह | 
Core Course
(DSC-1A) Credits : 06
HIND102
| विषय | सप्ताह | शिक्षण विधि | छात्र गतिविधियां | 
|---|---|---|---|
| काल विभाजन एवं नामकरण, आदिकालीन काव्य धाराएँ (सिंधु), नाथ एवं जैन साहित्य | पहला सप्ताह | व्याख्यान तथा परस्पर चर्चा | परीक्षा, प्रश्नोत्तरी, विषय प्रस्तुति तथा सत्रीय कार्य | 
| प्रमुख रासो काव्य | दूसरा सप्ताह | ||
| आदिकालीन साहित्य की सामान्य विशेषताएँ। | तीसरा सप्ताह | ||
| भक्ति आंदोलन: सामाजिक-सांस्कृतिक पृष्ठभूमि | चौथा सप्ताह | ||
| प्रमुख निर्गुण कवि, प्रमुख सगुण कवि | पाँचवाँ सप्ताह | ||
| भक्तिकाल की सामान्य विशेषताएँ | छठा सप्ताह | ||
| रीतिकाल की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि | सातवाँ सप्ताह | ||
| रीतिबद्ध | आठवाँ सप्ताह | ||
| रीतिसिद्ध तथा रीतिमुक्त कवि | नौंवा सप्ताह | ||
| 1857 का स्वतंत्रता संघर्ष और हिंदी नवजागरण, भारतेन्दु युगीन साहित्य की विशेषताएँ | दसवाँ सप्ताह | ||
| महावीर प्रसाद द्विवेदी और उनका युग, द्विवेदी युग के प्रमुख गद्य लेखक और कवि | ग्यारहवाँ सप्ताह | ||
| मैथिलीशरण गुप्त और राष्ट्रीय काव्यधारा | बारहवाँ सप्ताह | ||
| छायावाद, प्रगतिवाद, प्रयोगवाद और नई कविता | तेरहवाँ सप्ताह | ||
| हिंदी गद्य विधाओं का मूल उद्भव और विकास- उपन्यास, कहानी, नाटक, निबंध | चौदहवाँ सप्ताह | ||
| वस्तुनिष्ठ प्रश्न | पंद्रहवाँ सप्ताह | 
Core Course
(DSC-1B) Credits : 06
HIND103
| विषय | सप्ताह | शिक्षण विधि | छात्र गतिविधियां | 
|---|---|---|---|
| कबीर तथा सूरदास का व्यक्तित्व और कृतित्व: सामान्य परिचय | सोलहवां सप्ताह | व्याख्यान तथा परस्पर चर्चा | परीक्षा, प्रश्नोत्तरी, विषय प्रस्तुति तथा सत्रीय कार्य | 
| कबीर तथा सूरदास की काव्यगत विशेषताएँ | सत्रहवाँ सप्ताह | ||
| कबीर की साखियाँ और गुरुदेव को अंग दोहा संख्या 3, 4 कुसंगति को अंग 6, 7 तथा कस्तूरिया युग को अंग 4, 9 कबीर के पद: 1, 2, 15, 16 | अठारवां सप्ताह | ||
| सूरदास के पद: 1, 2, 43, 44, 111, 115, 354, 355, 387, 402 | उन्नीसवां सप्ताह | ||
| तुलसीदास तथा मीराबाई का व्यक्तित्व और कृतित्व: सामान्य परिचय | बीसवां सप्ताह | ||
| तुलसीदास तथा मीराबाई की काव्यगत विशेषताएँ | इक्कीसवाँ सप्ताह | ||
| बालकांड: 1 उत्तरकांड 96, 106 विनय पत्रिका पद संख्या: 105, 111, 162 | बाईसवां सप्ताह | ||
| मीराबाई के पद: 5, 17, 18, 19, 22, 23, 25, 41, 73, 158 | तेइसवां सप्ताह | ||
| रसखान तथा बिहारी का व्यक्तित्व एवं कृतित्व: सामान्य परिचय | चौबीसवाँ सप्ताह | ||
| रसखान तथा बिहारी का काव्यगत विशेषताएँ रसखान के पद: 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7 बिहारी के दोहे: 2, 15, 20, 25, 38, 46, 69, 70, 110, 123 | पच्चीसवां सप्ताह | ||
| भूषण तथा घनानंद का व्यक्तित्व और कृतित्व: सामान्य परिचय, भूषण तथा घनानंद की काव्यगत विशेषताएँ | छब्बीसवां सप्ताह | ||
| शिवराज - भूषण - 2 से नौ तक दोहे, घनानंद के छंद - 1 से 8 तक | सत्ताईसवां सप्ताह | ||
| वस्तुनिष्ठ प्रश्न | अठाईसवां सप्ताह | 
Core B.A/B.Com.
SKT/HINDI Credits : 06
HIND201
| विषय | सप्ताह | शिक्षण विधि | छात्र गतिविधियाँ | 
|---|---|---|---|
| कबीर, घनानंद, सूर्यकांत त्रिपाठी निराला तथा बालकृष्ण शर्मा नवीन का सामान्य परिचय | पहला सप्ताह | व्याख्यान तथा परस्पर चर्चा | परीक्षा, प्रश्नोत्तरी, विषय प्रस्तुति तथा सत्रीय कार्य | 
| कबीर - 15 दोहे, घनानंद 3 कविता, 3 सवैये | दूसरा सप्ताह | ||
| सूर्यकांत त्रिपाठी निराला : तोड़ती पत्थर, विनय बालकृष्ण शर्मा नवीन : विप्लव गायन | तीसरा सप्ताह | ||
| सच्चितानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय' गजानन माधव मुक्तिबोध एवं सुदामा पांडे धूमिल का सामान्य परिचय | चौथा सप्ताह | ||
| अज्ञेय : कितनी नावों में कितनी बार, दूर्वाचल मुक्तिबोध : तुझे तुम्हारा साथ मिला है, ओ मेघ | पांचवां सप्ताह | ||
| धूमिल : दस्तक, रोटी और संसद | आठवां सप्ताह | ||
| प्रेमचंद, मोहन राकेश, काशीनाथ सिंह, उदय प्रकाश का सामान्य परिचय | नौंवा सप्ताह | ||
| प्रेमचंद : ईदगाह, मोहन राकेश : मलवे का मालिक | आठवां सप्ताह | ||
| काशीनाथ सिंह : अपना रास्ता लो बाबा, उदय प्रकाश : छपन तोले का करधन | नौवां सप्ताह | ||
| महादेवी वर्मा, रामधारी सिंह दिनकर और श्रीलाल शुक्ल का सामान्य परिचय | दसवां सप्ताह | ||
| महादेवी वर्मा : जीने की कला, रामधारी सिंह 'दिनकर' : नेता नहीं, नागरिक चाहिए, श्रीलाल शुक्ल : अंगद का पांव | ग्यारहवां सप्ताह | ||
| प्रेमचंद : ईदगाह, मोहन राकेश : मलवे का मालिक की व्याख्या | बारहवां सप्ताह | ||
| काशीनाथ सिंह : अपना रास्ता लो बाबा, उदय प्रकाश : छपन तोले का करधन की व्याख्या | तेहरवां सप्ताह | ||
| महादेवी वर्मा : जीने की कला, रामधारी सिंह 'दिनकर' : नेता नहीं, नागरिक चाहिए, श्रीलाल शुक्ल : अंगद का पांव | चौदहवां सप्ताह | ||
| वस्तुनिष्ठ प्रश्न | पन्द्रहवां सप्ताह | 
Core Course
(DSC-1C) Credits : 06
HIND202
| विषय | सप्ताह | शिक्षण विधि | छात्र गतिविधियां | 
|---|---|---|---|
| भारतेन्दु हरिश्चन्द्र तथा अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ का व्यक्तित्व एवं कृतित्व: सामान्य परिचय | पहला सप्ताह | व्याख्यान तथा परस्पर चर्चा | परीक्षा, प्रश्नोतरी, विषय प्रस्तुति तथा सत्रीय कार्य | 
| भारतेन्दु हरिश्चन्द्र तथा अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ की काव्यगत विशेषताएँ | दूसरा सप्ताह | ||
| भारतेन्दु हरिश्चन्द्र: कविताएँ - भारत दुर्दशा, वर्षा विनोद, प्रेम शालिका, प्रेमाश्रु वर्षण | तीसरा सप्ताह | ||
| अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’: कविताएँ - प्रिय प्रवास, दुखिया के आँसू, एक बूँद, काँटा और फूल | चैथा सप्ताह | ||
| मैथिलीशरण गुप्त तथा जयशंकर प्रसाद का व्यक्तित्व एवं कृतित्व: सामान्य परिचय | पाँचवां सप्ताह | ||
| मैथिलीशरण गुप्त तथा जयशंकर प्रसाद की काव्यगत विशेषताएँ | छठा सप्ताह | ||
| मैथिलीशरण गुप्त: कविताएँ - भारत भारती, मातृभूमि, आशा, सन्देश | सातवां सप्ताह | ||
| जयशंकर प्रसाद: कविताएँ - ले चल वहाँ भुलावा देकर, बीती विभावरी जाग री, अरुण यह मधुमय देश हमारा, हृदय का सौंदर्य | आठवां सप्ताह | ||
| सूर्यकांत त्रिपाठी निराला तथा सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’ का व्यक्तित्व एवं कृतित्व: सामान्य परिचय | नौवां सप्ताह | ||
| सूर्यकांत त्रिपाठी निराला तथा सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’ की काव्यगत विशेषताएँ | दसवां सप्ताह | ||
| सूर्यकांत त्रिपाठी निराला: कविताएँ - वर दे, वीणा वादिनी वर दे, तोड़ती पत्थर, स्नेह निर्झर बह गया है, विधवा | ग्यारहवां सप्ताह | ||
| सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’: कविताएँ - उड़ चल, हारिल, कलगी बाजरे की, साँप, नया कवि: आत्म स्वीकार | बारहवां सप्ताह | ||
| नागार्जुन तथा नरेश मेहता का व्यक्तित्व एवं कृतित्व: सामान्य परिचय | तेरहवां सप्ताह | ||
| नागार्जुन तथा नरेश मेहता की काव्यगत विशेषताएँ | चैदहवां सप्ताह | ||
| नागार्जुन: कविताएँ - यह दन्तुरित मुस्कान, प्रेत का बयान | पंद्रहवां सप्ताह | ||
| नरेश मेहता: कविताएँ - तीर्थ जल, पीले फूल कनेर के, मेघ | सोलहवां सप्ताह | ||
| वस्तुनिष्ठ प्रश्न | सत्रहवां सप्ताह | 
Core Course
(DSC-1D) Credits : 06
HIND203
| विषय | सप्ताह | शिक्षण विधि | छात्र गतिविधियां | 
|---|---|---|---|
| जैनेन्द्र कुमार: व्यक्तित्व एवं कृतित्व तथा वस्तुनिष्ठ प्रश्न | अठारहवां सप्ताह | व्याख्यान तथा परस्पर चर्चा | परीक्षा, प्रश्नोतरी, विषय प्रस्तुति तथा सत्रीय कार्य | 
| त्यागपत्र: तात्विक समीक्षा और व्याख्या | उन्नीसवां सप्ताह | ||
| प्रेमचंद, जयशंकर प्रसाद, यशपाल एवं उषा प्रियंवदा का व्यक्तित्व एवं कृतित्व तथा वस्तुनिष्ठ प्रश्न | बीसवां सप्ताह | ||
| कहानियाँ: नमक का दरोगा - प्रेमचंद आकाशदीप - जयशंकर प्रसाद परदा - यशपाल वापसी - उषा प्रियंवदा कहानियों की तात्विक समीक्षा एवं व्याख्या | इक्कीसवां सप्ताह | ||
| रामचन्द्र शुक्ल तथा हजारीप्रसाद द्विवेदी का व्यक्तित्व एवं कृतित्व तथा वस्तुनिष्ठ प्रश्न | बाईसवां सप्ताह | ||
| निबंध: लोभ और प्रीति - रामचन्द्र शुक्ल कुटज - हजारीप्रसाद द्विवेदी निबन्धों की तात्विक समीक्षा एवं व्याख्या | तेईसवां सप्ताह | ||
| महादेवी वर्मा तथा प्रभा खेतान का व्यक्तित्व एवं कृतित्व तथा वस्तुनिष्ठ प्रश्न | चैबीसवां सप्ताह | ||
| निबंध: संस्कृति और शिक्षा (चिन्तन के क्षण संग्रह से) - महादेवी वर्मा भूमण्डलीकरण, धार्मिक समाज और पूँजीवाद - प्रभा खेतान निबन्धों की तात्विक समीक्षा एवं व्याख्या | पच्चीसवां सप्ताह | 
Skill Enhancement Course
(SEC-1) Credits : 04
HIND204
| विषय | सप्ताह | शिक्षण विधि | छात्र गतिविधियां | 
|---|---|---|---|
| हिन्दी भाषा के विभिन्न रूप-राष्ट्रभाषा, राजभाषा, जनभाषा। | पहला सप्ताह | व्याख्यान तथा परस्पर चर्चा | परीक्षा, प्रश्नोतरी, विषय प्रस्तुति तथा सत्रीय कार्य | 
| शिक्षण माध्यम-भाषा, संचार भाषा, सर्जनात्मक भाषा, यांत्रिक भाषा। | दूसरा सप्ताह | ||
| राजभाषा का स्वरूप, भारतीय संविधान में राजभाषा संबंधी परिनियमावली का सामान्य परिचय | तीसरा सप्ताह | ||
| राजभाषा के रूप में हिन्दी के समक्ष व्यावहारिक कठिनाइयाँ एवं संभावित समाधान। | चैथा सप्ताह | ||
| टिप्पण (नोटिंग), प्रारूपण/आलेखन (ड्राफ्टिंग), पल्लवन, संक्षेपण। | पाँचवां सप्ताह | ||
| विभिन्न प्रकार के पत्राचार, प्रशासनिक पत्रावली की निष्पादन प्रक्रिया। | छठा सप्ताह | ||
| पारिभाषिक शब्दावली। | सातवां सप्ताह | ||
| कार्यालयी प्रयोजनों में विभिन्न यांत्रिक उपकरणों का अनुप्रयोग - कम्प्यूटर, लैपटाॅप, टैबलेट, टेलीप्रिंटर, टेलेक्स, वीडियो कान्फ्रंेसिंग। | आठवां सप्ताह | ||
| वस्तुनिष्ठ प्रश्न | नौवां सप्ताह | 
Skill Enhancement Course
(SEC-2) Credits : 04
HIND206
| विषय | सप्ताह | शिक्षण विधि | छात्र गतिविधियां | 
|---|---|---|---|
| अनुवाद का तात्पर्य, अनुवाद के विभिन्न प्रकार - भाषान्तरण, सारानुवाद तथा रूपान्तरण में साम्य-वैषम्य। | दसवां सप्ताह | व्याख्यान तथा परस्पर चर्चा | परीक्षा, प्रश्नोतरी, विषय प्रस्तुति तथा सत्रीय कार्य | 
| अनुवाद के प्रमुख प्रकार-कार्यालयी, साहित्यिक, ज्ञान-विज्ञानपरक, विधिक, वाणिज्यिक। | ग्यारहवां सप्ताह | ||
| अनुवाद के शिल्पगत भेद - अविकल अनुवाद (लिटरल), भावानुवाद/छायानुवाद, आशु अनुवाद, डबिंग, कम्प्यूटर अनुवाद। | बारहवां सप्ताह | ||
| साहित्यिक अनुवाद के प्रमुख रूप - काव्यानुवाद, कथानुवाद, नाट्यानुवाद। | तेरहवां सप्ताह | ||
| अनुवाद में पर्यवेक्षण (वेटिंग) की भूमिका। | चौदहवां सप्ताह | ||
| वैज्ञानिक तकनीकी शब्दावली का अनुवाद, मुहावरों/लोकोक्तियों का अनुवाद, संक्षिप्ताक्षरों तथा कूटपदों का अनुवाद, आंचलिक शब्दावली का अनुवाद, व्यंजनापरक लाक्षणिक पद प्रयोगों का अनुवाद। | पंद्रहवां सप्ताह | ||
| अनुवाद की सम्पादन प्रविधि। | सोलहवां सप्ताह | ||
| अनुवादक की अर्हता और सफल अनुवाद के अभिलक्षण। | सत्रहवां सप्ताह | ||
| विश्व भाषाओं की प्रमुख कृतियों के हिन्दी अनुवाद एवं हिन्दी की प्रमुख कृतियों के विश्वभाषाओं में किये गये अनुवाद। | दसवां सप्ताह | ||
| भारत में अनुवाद प्रशिक्षण के प्रमुख केन्द्र, अनुवाद के राष्ट्रीय प्राधिकरण के गठन की आवश्यकता। | ग्यारहवां सप्ताह | ||
| हिन्दी अनुवाद का भविष्य तथा वस्तुनिष्ठ प्रश्न। | बारहवां सप्ताह | 
रंग आलेख एवं रंगमंच 
Skill Enhancement Course
(SEC-3) Credits : 04
HIND301
| विषय | सप्ताह | शिक्षण विधि | छात्र गतिविधियां | 
|---|---|---|---|
| नाटक के प्रमुख प्रकार और उनका रचना विधान-पूर्णांकी, एकांकी, लोकनाटक, प्रहसन, काव्यनाटक | पहला सप्ताह | व्याख्यान तथा परस्पर चर्चा | परीक्षा, प्रश्नोतरी, विषय प्रस्तुति तथा सत्रीय कार्य | 
| नक्ुकड़ नाटक, प्रतीकनाटक, भावनाटक, पाठ्यनाटक, रेडियो नाटक, टीवी नाटक। | दूसरा सप्ताह | ||
| हिन्दी नाट्यशास्त्र और नाट्य लेखन का इतिहास | तीसरा सप्ताह | ||
| हिन्दी नाटक की प्रमुख प्रवृत्तियाँ - सामाजिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, समस्यामूलक तथा एब्सर्ड नाटक। | चौथा सप्ताह | ||
| हिन्दी के प्रमुख नाटक और नाटककार। | पाँचवा सप्ताह | ||
| हिन्दी रंगमंच के प्रमुख रूप- 1. शौकिया मंच 2. व्यावसायिक मंच 3. सरकारी मंच। | छठा सप्ताह | ||
| हिन्दी क्षेत्र की प्रसिद्ध रंगशालाएं तथा संस्थाएं। | सातवां सप्ताह | ||
| रंग शिल्प प्रशिक्षण, रंग स्थापत्य, रंग सज्जा, रंग दीपन, ध्वनि व्यवस्था एवं प्रसाधन, निर्देशन एवं अभिनय। रंगमंचीय भाषा की विशेषताएं। | आठवां सप्ताह | ||
| रंग आलेख की प्रविधि - वस्तुविधान, पात्र परिकल्पना, परिस्थिति योजना, संवाद, लेखन का वैशिष्ट्य, रंग निर्देशों की उपयोगिता। | नौवां सप्ताह | ||
| रंग समीक्षा का महत्त्व तथा वस्तुनिष्ठ प्रश्न | दसवां सप्ताह | 
Skill Enhancement Course
(SEC-4) Credits : 04
HIND304
| विषय | सप्ताह | शिक्षण विधि | छात्र गतिविधियां | 
|---|---|---|---|
| समाचार: अवधारणा, परिभाषा, बुनियादी तत्त्व, समाचार और संवाद, संरचना (घटक), समाचार मूल्य। समाचार के स्रोत। | ग्यारहवां सप्ताह | व्याख्यान तथा परस्पर चर्चा | परीक्षा, प्रश्नोतरी, विषय प्रस्तुति तथा सत्रीय कार्य | 
| समाचार संग्रह-पद्धति और लेखन-प्रक्रिया: सिद्धान्त और मार्गदर्शक बातें। विकासशील और जनरुचि की दृष्टियाँ। | बारहवां सप्ताह | ||
| समाचार का वर्गीकरण। खोजी, व्याख्यात्मक, अनुवर्तन समाचार। | तेरहवां सप्ताह | ||
| संवाददाता: भूमिका, अर्हता, श्रेणियाँ, प्रकार्य एवं व्यवहार-संहिता। | चौदहवां सप्ताह | ||
| रिपोर्टिंग के क्षेत्र और प्रकार: विधायिका, न्यायपालिका, मंत्रालय और प्रशासन, विदेश, रक्षा, राजनीति, अपराध और न्यायालय, दुर्घटना एवं नैसर्गिक आपदा से संबंधित रिपोर्टिंग। | पंद्रहवां सप्ताह | ||
| ग्रामीण, कृषि, विकास, अर्थ एवं वाणिज्य, बैठकें एवं सम्मेलन, संगोष्ठी, पत्रकार वार्ता, साहित्य एवं संस्कृति, विज्ञान, अनुसंधान एवं तकनीकी विषय, खेलकूद, पर्यावरण, मानवाधिकार और अन्य सामाजिक विषयों और क्षेत्रों से सम्बन्धित रिपोर्टिंग। | सोलहवां सप्ताह | ||
| इलेक्ट्राॅनिक माध्यमों से प्राप्त समाचारों का पुनर्लेखन। | सत्रहवां सप्ताह | ||
| लीड: अर्थ, प्रकार, विशेषता, महत्त्व। | अठारहवां सप्ताह | ||
| शीर्षक: अर्थ, प्रकार, लिखने की कला, महत्त्व। | उन्नीसवां सप्ताह | ||
| रिपोर्टिंग: कला और विज्ञान के रूप में विश्लेषण, वस्तुपरकता और भाषा-शैली। | बीसवां सप्ताह | ||
| वस्तुनिष्ठ प्रश्न | इक्कीसवां सप्ताह | 
Discipline Specific Elective
(DSE-1A) Credits : 06
HIND305
| विषय | सप्ताह | शिक्षण विधि | छात्र गतिविधियां | 
|---|---|---|---|
| लोक साहित्य- परिभाषा एवं स्वरूप, लोक साहित्य के विशिष्ट अध्येता, लोक संस्कृति - अवधारणा, लोक संस्कृति और साहित्य, लोक साहित्य के अध्ययन की प्रक्रिया, लोक साहित्य के संकलन की समस्याएँ। | पहला सप्ताह | व्याख्यान तथा परस्पर चर्चा | परीक्षा, प्रश्नोतरी, विषय प्रस्तुति तथा सत्रीय कार्य | 
| लोक साहित्य के प्रमुख रूप- लोक गीत, लोक नाट्य, लोक कथा, लोकगाथा, लोकोक्ति। | दूसरा सप्ताह | ||
| लोकगीत - संस्कार गीत, व्रतगीत, श्रम परिहार गीत, ऋतुगीत। | तीसरा सप्ताह | ||
| लोकनाट्य - रामलीला, स्वांग, यक्षगान, भवाई, माच, तमाशा, नौटंकी, जात्रा, कथकली। | चौथा सप्ताह | ||
| लोककथा - व्रतकथा, परीकथा, नागकथा, बोधकथा। कथानक रूढ़ियाँ एवं अभिप्राय, लोककथा निर्माण में अभिप्राय। | पाँचवा सप्ताह | ||
| लोकगाथा - लोकगाथा की भारतीय परम्परा, लोकगाथा की सामान्य प्रवृत्तियाँ, लोकगाथा प्रस्तुति। | छठा सप्ताह | ||
| प्रसिद्ध लोकगाथाएँ - भरथरी (राजा भर्तृहरि), गूगा गाथा, गढ़ मलौण, मदना की हार, महासती सूरमी। | सातवां सप्ताह | ||
| प्रसिद्ध लोकगाथाएँ - मोहणा, नूरपुर का राजा जगत सिंह, सुन्नी भूंकू, कुंजू-चंचलो, रानी सुनैना। | आठवां सप्ताह | ||
| वस्तुनिष्ठ प्रश्न | नौवां सप्ताह | 
Discipline Specific Elective
(DSE-1B) Credits : 06
HIND306
| विषय | सप्ताह | शिक्षण विधि | छात्र गतिविधियां | 
|---|---|---|---|
| सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ’अज्ञेय’ तथा गजानन माधव मुक्तिबोध का व्यक्तित्व एवं कृतित्व: सामान्य परिचय तथा काव्यगत विषेषताएं | दसवां सप्ताह | व्याख्यान तथा परस्पर चर्चा | परीक्षा, प्रश्नोतरी, विषय प्रस्तुति तथा सत्रीय कार्य | 
| सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ’अज्ञेय’: कविताएँ - कलगी बाजरे की, यह दीप अकेला, गजानन माधव मुक्तिबोध: कविताएँ - भूल गलती, एक रंग का राग की व्याख्या और प्रश्न | ग्यारहवां सप्ताह | ||
| नागार्जुन तथा शमशेर बहादुर सिंह का व्यक्तित्व एवं कृतित्व: सामान्य परिचय तथा काव्यगत विशेषताएँ | बारहवां सप्ताह | ||
| नागार्जुन: कविताएँ - अकाल और उसके बाद, कालिदास, शमशेर बहादुर सिंह: कविताएँ - सूना सूना पथ है, उदास झरना, वह सलोना जिस्म की व्याख्या और प्रश्न | तेरहवां सप्ताह | ||
| भवानी प्रसाद मिश्र तथा कुँवर नारायण का व्यक्तित्व एवं कृतित्व: सामान्य परिचय तथा काव्यगत विषेषताएं | चैदहवां सप्ताह | ||
| भवानी प्रसाद मिश्र: कविताएँ - कहीं नहीं बचे, गीत फरोश, कुँवर नारायण: कविताएँ - नचिकेता की व्याख्या और प्रश्न | पंद्रहवां सप्ताह | ||
| सर्वेश्वरदयाल सक्सेना तथा केदारनाथ सिंह का व्यक्तित्व एवं कृतित्व: सामान्य परिचय तथा काव्यगत विशेषताएँ | सोलहवां सप्ताह | ||
| सर्वेश्वरदयाल सक्सेना: कविताएँ - मैंने कब कहा, हम ले चलेंगे केदारनाथ सिंह: कविताएँ रचना की आधी रात, फर्क नहीं पड़ता की व्याख्या और प्रश्न | सत्रहवां सप्ताह | ||
| वस्तुनिष्ठ प्रश्न | अठारहवां सप्ताह | 
| वर्ष | पाठ्यक्रम कोड | पाठ्यक्रम | पाठ्यक्रम का प्रकार | पाठ्यक्रम का नाम | पाठ्यक्रम का उद्देश्य | पाठ्यक्रम से अपेक्षित अध्ययन परिणाम (Learning Outcomes) | 
|---|---|---|---|---|---|---|
| प्रथम वर्ष | HIND 101 | MIL-1/ HINDI-1 | मूल पाठ्यक्रम (Core Course) B.A/B.Com | प्रायोगिक हिन्दी | प्रायोगिक हिन्दी में व्यवहारिक दृष्टि से प्रयोग किए गए उपयोगी संदर्भों को विश्लेषण एवं विवेचन करना। | इस अध्ययन से विद्यार्थी व्यवहारिक प्रश्नों से निपटने में कुशल होंगे। | 
| HIND 102 | DSC-1A | मूल पाठ्यक्रम (Core Course) | हिन्दी साहित्य का इतिहास | हिन्दी साहित्य के विकासात्मक एवं प्रवृत्तिगत दोनों रूपों को प्रस्तुत करना। | विद्यार्थी प्रत्येक काल की परिस्थितियों, लेखकों तथा उनकी महत्वपूर्ण रचनाओं एवं उनकी प्रवृत्तियों की जानकारी प्राप्त करेंगे। | |
| HIND 103 | DSC-1B | मूल पाठ्यक्रम (Core Course) | मध्यकालीन हिन्दी कविता | भक्तिकालीन एवं रीतिकालीन युग के महत्वपूर्ण कवियों और उनकी कविताओं का ज्ञान देना। | विद्यार्थी भक्तिकाल और रीतिकाल के बीच अंतर करने में भी सक्षम होंगे। | |
| द्वितीय वर्ष | HIND 201 | MIL-2/ HINDI-2 | मूल पाठ्यक्रम (Core Course) B.A/B.Com | अनिवार्य हिन्दी (रचनात्मक लेखन) | हिन्दी साहित्य का अनुशीलन कराना। | विद्यार्थी प्रमुख कवियों एवं गद्य लेखकों की रचनाओं को समझकर सार्थक निष्कर्ष निकालने में सक्षम होंगे। | 
| HIND 202 | DSC-1C | मूल पाठ्यक्रम (Core Course) | आधुनिक हिन्दी कविता | आधुनिक हिन्दी कविता की सामाजिक, राजनीतिक एवं आर्थिक परिस्थितियों का गहन विश्लेषण करना। | विद्यार्थी आधुनिक हिन्दी कविता की सामाजिक, राजनीतिक एवं आर्थिक परिस्थितियों से परिचित होंगे। | |
| HIND 203 | DSC-1D | मूल पाठ्यक्रम (Core Course) | हिन्दी गद्य साहित्य | हिन्दी गद्य साहित्य की नई साहित्यिक विधाओं जैसे उपन्यास, निबंध के विभिन्न स्वरूपों से अवगत कराना। | विद्यार्थी आधुनिक साहित्य के विकास में विदेशी साहित्य और स्वतंत्रता आंदोलन के योगदान को समझ सकेंगे। | |
| HIND 204 | SEC-1 | कौशल संवर्धन पाठ्यक्रम (Skill Enhancement Course) | कार्यालयी हिन्दी | विद्यार्थियों को हिन्दी भाषा की विभिन्न रूपों जैसे राजभाषा, राष्ट्रभाषा, जनभाषा आदि के व्यवहारिक भेदों से परिचित कराना। | विद्यार्थी कार्यालय में प्रारूपण, टिप्पण, आलेखन और संक्षेपण की तकनीकों से अवगत होंगे। | |
| HIND 206 | SEC-1 | कौशल संवर्धन पाठ्यक्रम (Skill Enhancement Course) | अनुवाद विज्ञान | विद्यार्थियों को विभिन्न भाषाई साहित्य को अनुवाद के माध्यम से विभिन्न समाजों के लिए उपयुक्त बनाना सिखाना। | विद्यार्थी प्रमुख रचनाओं के अनुवाद से भी अवगत होंगे। | |
| तृतीय वर्ष | HIND 301 | SEC-3 | कौशल संवर्धन पाठ्यक्रम (Skill Enhancement Course) | रंग लेखन एवं रंगमंच | विद्यार्थियों को हिन्दी नाट्यशास्त्र एवं नाट्य लेखन का इतिहास, प्रवृत्तियाँ, प्रमुख नाटककार एवं नाटक की विधाओं से परिचित कराना। | विद्यार्थी हिन्दी रंगमंच की प्रमुख शैलियों एवं संस्थाओं से अवगत होंगे। | 
| HIND 304 | SEC-4 | कौशल संवर्धन पाठ्यक्रम (Skill Enhancement Course) | संचार अध्ययन और लेखन | विद्यार्थियों को समाचार के तत्व, स्रोत, समाचार संकलन प्रक्रिया, संवाददाता की भूमिका एवं योग्यता से अवगत कराना। | विद्यार्थी समाचार संकलन एवं लेखन प्रक्रिया की कुशलता प्राप्त करेंगे। | |
| HIND 305 | DSE-1A | विषय-विशिष्ट वैकल्पिक पाठ्यक्रम (Discipline Specific Elective) | लोक साहित्य | विद्यार्थियों को लोक साहित्य के विशिष्ट अध्येताओं, लोक साहित्य के महत्व तथा लोकगीत, लोकनाटक आदि से परिचित कराना। | विद्यार्थी लोक साहित्य की विभिन्न विधाओं का गहन ज्ञान प्राप्त करेंगे। | |
| HIND 306 | DSE-1B | विषय-विशिष्ट वैकल्पिक पाठ्यक्रम (Discipline Specific Elective) | नारीवादी हिन्दी कविता | आधुनिक हिन्दी काव्यधारा की विभिन्न विचारधाराओं एवं विभिन्न प्रमुख कवियों की यात्रा से अवगत कराना। | विद्यार्थी नारीवादी हिन्दी कविता की विकास यात्रा से परिचित होंगे। | 
| वर्ष | पाठ्यक्रम कोड | पाठ्यक्रम | पाठ्यक्रम का प्रकार | पाठ्यक्रम का नाम | 
|---|---|---|---|---|
| प्रथम वर्ष | HIND 101 | MIL-1/ HINDI-1 | मूल पाठ्यक्रम (Core Course) B.A/B.Com | प्रायोगिक हिन्दी | 
| HIND 102 | DSC-1A | मूल पाठ्यक्रम (Core Course) | हिन्दी साहित्य का इतिहास | |
| HIND 103 | DSC-1B | मूल पाठ्यक्रम (Core Course) | मध्यकालीन हिन्दी कविता | |
| द्वितीय वर्ष | HIND 201 | MIL-2/ HINDI-2 | मूल पाठ्यक्रम (Core Course) B.A/B.Com | अनिवार्य हिन्दी (रचनात्मक लेखन) | 
| HIND 202 | DSC-1C | मूल पाठ्यक्रम (Core Course) | आधुनिक हिन्दी कविता | |
| HIND 203 | DSC-1D | मूल पाठ्यक्रम (Core Course) | हिन्दी गद्य साहित्य | |
| HIND 204 | SEC-1 | कौशल संवर्धन पाठ्यक्रम (Skill Enhancement Course) | कार्यालयी हिन्दी | |
| HIND 206 | SEC-1 | कौशल संवर्धन पाठ्यक्रम (Skill Enhancement Course) | अनुवाद विज्ञान | |
| तृतीय वर्ष | HIND 301 | SEC-3 | कौशल संवर्धन पाठ्यक्रम (Skill Enhancement Course) | रंग लेखन एवं रंगमंच | 
| HIND 304 | SEC-4 | कौशल संवर्धन पाठ्यक्रम (Skill Enhancement Course) | संचार अध्ययन और लेखन | |
| HIND 305 | DSE-1A | विषय-विशिष्ट वैकल्पिक पाठ्यक्रम (Discipline Specific Elective) | लोक साहित्य | |
| HIND 306 | DSE-1B | विषय-विशिष्ट वैकल्पिक पाठ्यक्रम (Discipline Specific Elective) | नारीवादी हिन्दी कविता | 
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के मॉड्यूल पाठ्यक्रम के अनुरूप बी.ए. हिन्दी के नए पाठ्यक्रम में लिंग, मानवीय मूल्य एवं पर्यावरण संबंधी मुद्दों को एकीकृत किया है।